जहाँ सत्य है,वहीं शिव है और वहीं सौन्दर्य तथा आनन्द भी है । शिव ने पुरुष –स्त्री, सृष्टि और सम्बन्धों का जो संसार रचा है,जीवन वही है । जीवन उससे परे कुछ भी नहीं है । उससे परे देवत्व ही हो सकता है !
काठमांडू शिव और बुद्ध दोनों का बास स्थान है । दोनों के रुप रंग और भंगिमा समान दिखते हैं । जो दोनों को समझ ले , वह सांसारिक हो के भी अविजित है । शायद देवत्व प्राप्त करना इसी को कहते हैं । शिव , सत्य और देवत्व का दर्शन सबों को हो । महाशिवरात्रि की शुभकामना सबों को !!!
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