बैंकों से कर्ज प्राप्त करने वालों की संख्या मात्र १४ लाख
नेपाल राष्ट्र बैंक के हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन प्रतिवेदन के अनसार नेपाल में बैकों से ऋण प्राप्त करने वालें की संख्या मात्र १४ लाख ४० हजार है। यह निक्षेपकत्ताओं की संख्या की तुलना में अत्यन्त न्यून है । अध्ययन प्रतिवेदनमें अनुमानित कुल जनसंख्या २ करोड ९६ लाख माना गया है और निक्षेपकत्र्ताओं की कुल संख्या २ करोड ७८ लाख ७६ हजार उल्लेखित है । निक्षेपकत्र्ताओं की कुल संख्या अनुमानित जनसंख्या का लगभग ९४ प्रतिशत है । इस तथ्यांक से साफ जाहिर होता हैं कि नेपाल की आम जनता मात्र करदाता एवं निक्षेपकत्र्ता हैं । जनता द्वारा अर्जित धन बैंकों के पास जा रहा है और बैंको की बढोत्तरी भी हो रही है। बैकों की संख्या बढ रही हैं और उनकी नयी नयी शाखाएँ भी खुल रही हैं । लेकिन जनताको उद्दोग धंधा स्थापित करने के लिए बैंको के द्वारा पर्याप्त ऋण उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है जिस कारण उद्दोग धंधों का पर्याप्त विकास नहीं हो पा रहा है औरु बेरोजगारी की समस्या भी विकराल होती जा रही है ।
अध्ययन प्रतिवेदन के बारे में प्रकाशित समाचारों में नेपालके सभी बैंकों तथा वित्तिय संस्थाओं की कुल सम्पत्तिका उल्ल्ोख नहीं किया गया हैं । साथ ही यह नर्ही बताया गया हैं कि ऋण स्वरुप कितनी रकम का प्रवाह जनता में हो रहा है । जानकारी इस बात की भी होनी चाहिए कि कुल रकमका कितना हिस्सा क्रमशः बडे, मध्यम तथा लघु ऋण के रुप में जा रहा है । जिस देश में बैंकिंग नीति तथा बैंकिंग संस्थाओं में सुधार नहीं होता है वहाँ की अर्थ व्यवस्था कमजोर ही रहती है । बैंकों में संचित धन के परिमाण को समृद्धि और विकास का सूचक नही माना जाता है । ं
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