बनवास से वापसी
मैं वर्षों से बनवास में थी
अकेले रहने का बनवास
मैने अपने लिए खुद चुना था ।
अब अपने साथ
वापसी के रास्ते पर हुँ ।
अपनी छत के तले
अपने हिस्से के खुले आकाश के नीचे
और अपने हिस्से की मिट्टी पर
कदम रखती हुई मै ।
खुली हवा में साँस लेते हुए
अपने आप से बातें करते हुए
हिमाली हवा के संसर्ग में
आगे का सफर तय करुंगी ।
अब मुझे किसी के प्रश्न का
जबाब नहीं देना है ।
मेरी मौनता ही मेरा जबाब है ।
bhadra 12 , 2079
august 28 , sunday 2022,
ktm
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