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Showing posts from October, 2019

नाकाबंदी, नेपाल और भारत

नाकाबंदी, नेपाल और भारत  २०१५ के नाकाबंदी को आधार बनाकर नेपाल की कम्युनिष्ट पार्टी की सरकार इतिहास औरु भूगोल की धार और वृत्तिके विरुद्ध जिस तेजी से नेपाल को चीन की गोद में सौपने की तैयारी कर रही है , यह आने वाले समय के बारे में खतरनाक संकेत हैं ।  इसकी बहुत बडी कीमत नेपाल की जनता को भविष्य में चुकानी पड सकती है और ऐसा समय अन्तराष्ट्रिय परिस्थितियों और कारणों पर निर्भर करेगा । सरकार ने चिनिया राष्ट्रपति शी के भ्रमण के दौरान चीन के साथ जैसा समझौता किया है , उससे भान होता है की नेपाल की सरकार सरकार संचालन की पद्धति और प्रक्रिया को चीन के सरकार संचालन की पद्धति और प्रक्रिया के साथ जोडना चाहती है । आपराधिक क्रिया कलापों के बारे में चीन के साथ जो समझौता किया गया है, उसके बारे में कहा जा रहा है कि यह सुपुर्दगी संधि की पूर्व तैयारी है । हांगकांग में ऐसे ही कानून के विरुद्ध में वहाँ की लोकतंत्र प्रेमी जनता कठिन संघर्ष में है लेकिन हार मानने के लिए तैयार नही है । नेपाल की जनता ंअभी इस संधि के दूरगामी असर को समझ नही पा रही है । जनता सिर्फ इतना समझ रही है कि यह तिब्बती आन्दोलन से सम्बन्धित है

बैंकों से कर्ज प्राप्त करने वालों की संख्या मात्र १४ लाख

बैंकों से कर्ज प्राप्त करने  वालों की संख्या मात्र १४ लाख नेपाल राष्ट्र बैंक के हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन प्रतिवेदन के अनसार नेपाल में बैकों से ऋण प्राप्त करने वालें की संख्या मात्र १४ लाख ४० हजार  है। यह निक्षेपकत्ताओं की संख्या की तुलना में अत्यन्त न्यून है । अध्ययन प्रतिवेदनमें अनुमानित कुल जनसंख्या २ करोड ९६ लाख माना गया है और निक्षेपकत्र्ताओं की कुल संख्या २ करोड ७८ लाख ७६ हजार उल्लेखित है । निक्षेपकत्र्ताओं की कुल संख्या अनुमानित जनसंख्या का  लगभग ९४ प्रतिशत है । इस तथ्यांक से साफ जाहिर होता हैं कि नेपाल की आम जनता मात्र करदाता एवं निक्षेपकत्र्ता हैं । जनता द्वारा अर्जित धन बैंकों के पास जा रहा है और बैंको की बढोत्तरी भी हो रही है। बैकों की संख्या बढ रही हैं और उनकी नयी नयी  शाखाएँ भी खुल रही हैं । लेकिन जनताको उद्दोग धंधा स्थापित करने के लिए बैंको के द्वारा पर्याप्त ऋण उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है जिस कारण उद्दोग धंधों का पर्याप्त विकास नहीं हो पा रहा है औरु बेरोजगारी की समस्या भी विकराल होती जा रही है । अध्ययन प्रतिवेदन के बारे में प्रकाशित समाचारों में  नेपालके सभी