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Showing posts from November, 2012

Words of Condolence on death of I.K. Gujral

                                                     Words of Condolence   The death of Former Prime minister of India is a great loss to all the nations and people of South Asia. He was a true democrat who believed in the values of civil rights and liberal values for peace, freedom and dignity of all  people and nations. As the Prime minister and foreign minister of India, he presented a distant vision of a United Nations of South Asians and to realize that in practice he adopted a range of foreign policies which was compassionate, understanding and respectful of the needs and concerns of other nations and people. He was one of the most sophisticated and finest minds of India with deep roots in the philosophy and thoughts of that idea of India, which is yet to be realized. And so in his dealings with other people and nations , he did not always put immediate interests of India at the helm of affairs. His vision will last even though he is no more. I have the

मंसीर ७ गते के बाद देश और मधेश की दिशा किधर

(excerpt from speeches delivered in the villages of  Bara and Parsa district on Manghsir 7 and 8, 2069 )          मंसीर ७ गते के बाद देश और मधेश की दिशा किधर   एकीकृत ने.क.पा. माओवादी, नेपाली कांग्रेस, नेकपा एमाले और संयुक्त लोकतांत्रिक मधेशी मोर्चा के नेताओं की अदूरदर्शिता के कारण ज्येष्ठ १४ गते के दिन संविधान सभा देश के लिए संघीय संविधान जारी किए बिना ही विघटित हो गया । उस दिन पूर्व घोषणा अनुसार ना तो सभापति निलाम्बर आचार्य ने संविधान सभा में प्रस्तुत करने के लिए सहमति असहमति सहित का संविधान का मस्यौदा पारित  करने के लिए  संवैधानिक समिति की बैठक बुलायी और ना ही संविधान सभा के सभामुख सुभाष चन्द्र नेम्वांग ने संविधान सभा की बठक बुलायी । जब दो तिहाई संख्या से भी ज्यादा सभासद संविधान सभा में संघीय ं संविधान जारी करने के लिए तैयार बैठे थे, तब एक गहरे षडयन्त्र तहत सविधान सभा को कब्र मे दफना दिया गया । मधेशी मोर्चा तथा माओवादी की संयुक्त सरकार ने संविधान तथा सर्वोच्च अदालत की अवहेलना करते हुए  संविधान में आवश्यक संशोधन किये बिना ही मंसीर ७ गते को संविधान सभा निर्वाचन की तिथि घो

Madhesh Swa- Nirman Yatra-मधेश स्वनिर्माण यात्रा

    मधेश स्वनिर्माण यात्रा (इसी मंसीर  १ गते गी्रन अलायंस के युवाओं ने सरलाही के बलरा से लेकर रौतहट के गरुडा तक मधेश स्वनिर्माण यात्रा का आयोजन किया। उस यात्रा के दौरान बागमती नदी को नाव पर पार करना पडा । सैयों लोग हरेक  दिन अपने विभिन्न कार्यो के लिए बागमती वैसे ही पार करते हैं । इस बरसात में बागमती में ऐसी ही यात्रा के दोरान नाव उलट गयी थी और लगभग १८ लोगों की मौत हो गयी थी। मरने वालों मे से अधिकांश महिलाएँ और बच्चे थे । यात्रा के दौरान तीन जगहों पर  गा्रमीण जनता को सम्बोधित करने का और उनको ुनने का अवसर भी मिला । इस यात्रा में सहभागी होने का अवसर मुझे उपलब्ध कराने के लिए  गी्रन अलायन्स को पुनः धन्यबाद देते हुए यात्रा के दौरान दिए गए भाषण के महत्पपूर्ण अंशो को यहाँ प्रस्तुत करती हूँ ।)  गी्रन अलायंस के आयोजन में  मोहन सिंह एवं गोंविंद साह जैसे प्रतिभाशील एवं होनहार  मधेशी युवाओं ने मधेश स्वनिर्माण के अभियान का  सूत्रपात किया है । यह शुरुवात   मधेश निर्माण   के लिए एक नये अध्याय की शुरुवात हो सकती है ।  एक तरफ यह यात्रा मधेश विकास के लिए मधेशी युवाओं की उर्जा और कल्पनाशीलता का