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Showing posts from January, 2014

मधेशी नेतृत्व

यता केही दिन देखि माओवादी र मधेशी नेता हरुको बीच सत्ता साझेदारी का लागि गरिएको चार बूंदे सहमति को बेला खिंचे का केही तस्वीर लाई लिई कन  सबै तरफ बाट आलोचना भई रहे कोछ । यहाँ सम्म कि मधेश का केही प्रबुद्ध व्यक्ति र संस्था हरुको पनि आलोचनात्मक टिप्पणी नै आई रहेको छ । उता मधेशीमूल का राष्ट्रपति रामवरण यादव जी को वार्ता, चाहे त्यो तीन प्रमुख दल का नेता हरु संग भए को वात्र्ता होस वा फेरि कांग्रेस कै महामंत्री संग को अंतरंग वात्र्ता होस, वात्र्ता को एक एक शब्द र वाक्य बाहिर छताछुल्ल भई रहेकोछ र यस अभियानको निष्कर्ष यही रहेको बुझन सकिन्छ कि मधेशी हरु राजनीति मा नेतृत्वदायी भूमिका निर्वाह गर्ने योग्य छैनन। कतै नेता ले आफनो गोपनीयता भंग गरी रहे का छन भने कहिले पत्रकार ले अयोग्य र असक्षम साबित गर्न लागि परे का छन । पत्रकार का कुरा गर्दा मलाई आश्चर्य के लाग्दछ कि मधेशी राष्ट्रपति भएको राष्ट्रपति भवनको  समेत गोपनीयता कायम रहन सके को छैन।  लाग्दछ  यस मुलुक को सम्पूर्ण सन्यत्र मधेशी नेतृत्व लाई अयोग्य, असक्षम, भ्रष्ट र राष्ट्रघाती साबित गर्न लागि परे को छ। यो अत्यन्त चिन्ता को विषय हो । यति भनि म यो

भारतीय नक्कली रुपयों का अवैध कारोबार और काठमांडू

भारतीय नक्कली रुपयों का अवैध कारोबार और काठमांडू आज भारतीय नकली रुपयों के कारोबार में फिर से गिरफतारी हुई है । इस बार चुनाव के दौरान मधेश को और भी नजदीक से जानने समझने का मौका मिला। आज से कुछ वर्षो पहले तक काठमांडू या काठमांडू से बाहर बैंकों में भारतीय रुपया आसानी से मिल जाता था ,लेकिन अब वैसा नहीं है । कहा जाता है कि पर्याप्त भारतीय रुपये बैंकों के पास नहीं है । शायद सिर्फ बडे व्यापारियों को व्यापार करने के नाम पर भारतीय रुपैया उपलब्ध  कराया जाता है । लेकिन फिर सीमावत्र्ती क्षेत्र में १६० रुपये की जगह १६५,१७० या फिर उससे भी ज्यादा नेपाली रुपया देकर १०० भारतीय रुपैया खरीदा  जाता है । मेरा अपना अनुमान यह है कि बडे व्यापारियों को जो भारतीय रुपैया व्यापार के नाम पर उपलब्ध होता है , उन्ही रुपयों का व्यापार  सीमा क्षेत्र पर व्यापारी कर अपनी पूंजी की अभिवृद्धि करते हैं । यानि कि जो सुविधा बैंको को उपलब्ध कराना चाहिए था, वह सेवा अनधिकृत नीजि क्षेत्र की तरफ से उपलब्ध कराया जा रहा है और यह निश्चित रुप से काफी फायदेमंद व्यापार भी जान पडता है  और आम आदमी के शोषण पर आधारित इस व्यापार का मुनाफा नी

धुँवे का घर

  धुँवे  का घर हमारी राख से निकले धुँवे से बनी तुम्हारी घर की दीवारें। धुवें की दीवारों को गायब होने मे समय नही लगता है । इसीलिए नये घर की खोज में सब लगे हैं। लेकिल अभी हम पुरे जले नहीं हैं साँस अभी बाँकी है । धरती की नींव भी अभी बाँकी है । धरती से उपर इधर उधर  बिखरे टुकडो को हम समेट रहे हैं। नयी दीवारों को बनाने की खातिर । हमारे नये मुहिम में बहुत सारे नये हाथ हमसे जुट चुके हैं। सरिता 12.10.2070

अनशनः हठयोग, नैतिक योग और आध्यात्मिक योग

अनशनः हठयोग, नैतिक योग और आध्यात्मिक योग मैने पार्टी की मांगों को राज्य समक्ष रखकर २१ दिनों का अनशन काठमांडू में किया था । शायद सातवें दिन के बाद वीर अस्पताल के कुछ वरिष्ठ डाक्टरो की सलाह पर मधु का सेवन करने लगी क्यों कि स्पष्ट होचुका था कि सरकार सहमति नही चाहती थ ीऔर मुझको अस्पताल में भर्ती कराकर मेरे अनशन के अभ्यास को स्खलित कराना चाहती थी । मैनै भी जिद डान ली कि अनशन तोडुंगी तो अपने शत्तों पर और अपनी आवश्यकता अनुसार । मैं र।जेन्द्र महतो जी के समान चार दिन के बाद अस्पताल जाकर धोखे से युक्त सहमति नहीं करने के लिए कदापि भी तैयार नहीै थी । राज्य की वास्तविकता को जन समक्ष लाना ही अब मेरा उद्देश्य बन चुका था और उसके लिए अनशन लम्बा करना होगा , यह स्पष्ट था ।मधु के सेवन के कारण ही २१ दिनों तक टिक सकी । २१ वें दिन सरकार ने चुनाव क्षेत्र निर्धारण आयोग के विभेदकारी प्रतिवेदन कौ स्वीकार कर लिया । सरकार के सत्य को जनसमक्ष लाने का मेरा उद्देश्य पुरा हो गया  और २२ वे. दिन भदौ १७ को मधेश के लिए काले दिवस की घोषणा कर मैंने अपना अनशन समाप्त किया था । मधु सेवन के विषय को लेकर सिर्जित व्यापक विवाद के